निदेशक
भारतीय प्रबंधन संस्थान, तिरुचिरापल्ली (आईआईएमटी), भारत सरकार द्वारा 2011 में स्थापित 11वाँ आईआईएम है और इसने 10 वर्षों के पड़ाव को पूरा कर लिया है। तिरुचिरापल्ली एक जीवंत शहर है जो हज़ारों वर्षों से चली आ रही अपनी कला और संस्कृति के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है। वर्तमान शहर शैक्षणिक संस्थानों, शैक्षणिक केंद्रों और आधुनिक उद्योगों का केंद्र है। हमारा संस्थान नई ऊँचाइयों को छू रहा है और अपने आदर्श वाक्य: 'ज्ञानम् अनंतम्', अर्थात 'ज्ञान अनंत है', पर खरा उतर रहा है। निरंतर सीखना बेहतर मूल्य सृजन का आधार है और आईआईएमटी अपने छात्रों में सीखने की निरंतर इच्छा जगाने का प्रयास करता है। छात्रों को भविष्य के अधिनायकों के रूप में गढ़ने के दायित्व पर संस्थान गौरवान्वित है, जो समाज की प्रगति के लिए बदलाव के उत्प्रेरक होंगे। आईआईएमटी अपने विशाल अत्याधुनिक परिसर से संचालित है, जो 175 एकड़ भूमि में फैला है और तिरुचिरापल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 11 किमी दूर स्थित है।
हमारा मिशन एक ऐसे शिक्षण वातावरण का पोषण करना है जो समाज और राष्ट्र के लिए मूल्यवर्धन करते हुए वैश्विक मानकों के अनुरूप ज्ञान को आत्मसात, प्रसारित और निर्मित करे। 84 छात्रों के प्रवेश के साथ अपनी यात्रा शुरू करते हुए, आज हम 500 से अधिक छात्रों के पोषक हैं और विविध कार्यक्रम संचालित करते हैं, जैसे: प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपीएम); प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम - मानव संसाधन (पीजीपीएम - एचआरएम), प्रबंधन में डॉक्टरेट कार्यक्रम (डीपीएम), कार्यरत अधिकारियों के लिए प्रबंधन में कार्यकारी डॉक्टरेट कार्यक्रम (ईडीपीएम) और व्यवसाय प्रबंधन में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपीबीएम) हैं। आईआईएम त्रिची के अंतर्गत कार्यकारी शिक्षा और परामर्श के लघु और दीर्घकालिक दोनों प्रकार के कार्यक्रम, संकाय विकास कार्यक्रम तथा कॉर्पोरेट प्रबंधकों के कौशल और ज्ञानवर्धन हेतु विशेषकर ई-लर्निंग कार्यक्रमों का सृजन किया गया है। सावधानीपूर्वक तैयार किए गए पाठ्यक्रम के माध्यम से, हम अपने छात्रों को गहरी समझ वाले भविष्य के अधिनायकों के रूप में तैयार करते हैं। हम ऐसे गतिशील और नवोन्मेषी उद्यमी तैयार करने का भी प्रयास करते हैं, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें।
हमारी ताकत हमारे संकाय सदस्यों और समर्पित कर्मचारियों में निहित है। हमारा संकाय उच्चतम स्तर के नवोन्मेषी और संवादात्मक कौशल से परिपूर्ण है। वे न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि अजेय भारतीय संस्कृति के मूल मूल्यों और लोकाचार की भी शिक्षा देते हैं। हम अपने छात्रों के मन में जिज्ञासा की भावना विकसित करते हैं और उपयोगी उद्देश्यों के लिए उन्हें मौजूदा प्रतिमानों को चुनौती देने के लिए आमंत्रित करते हैं। उच्च-गुणवत्ता वाला शोध हमेशा आईआईएम की संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहा है। विचारपूर्वक निर्मित हमारा लर्निंग रिसोर्स सेंटर, संकाय और शोधार्थियों को एक उत्कृष्ट शैक्षणिक माहौल में अपने विचारों पर मनन करने और विश्व स्तरीय शोध परिणाम तैयार करने में सहायक है। आईआईएम तिरुचिरापल्ली ने शिक्षा जगत और उद्योग के साथ विभिन्न सहयोग करके अपने क्षितिज का विस्तार किया है। हमने दुनिया भर के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ शैक्षणिक सहयोग के समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। 'मेक अ डिफरेंस' जैसी परियोजनाओं के माध्यम से हम अपने छात्रों में सामाजिक और राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का निर्माण करते हैं।
हमें अपने अस्तित्व पर गर्व है। हम विगत उपलब्धियों पर ही सीमित नहीं रहते, बल्कि व्यवसाय और समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाले एक अग्रणी प्रबंधन संस्थान बनने के अपने सपने को साकार करने के लिए निरंतर नवीन तरीकों की तलाश में रहते हैं। हमारा मानना है कि इस संस्थान में भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वस्तरीय प्रबंधन विद्यालयों में से एक बनने की क्षमता है। हम समाज के प्रत्येक हितधारक को मूल्य-आधारित प्रबंधन शिक्षा के प्रसार की इस यात्रा में हमारे साथ जुड़ने के लिए आमंत्रित करते हैं।